Wellhealthorganic Fitness : भुजंगासन, जिसे अंग्रेजी में Cobra Pose कहा जाता है, योग के प्रमुख आसनों में से एक है। इस आसन का नाम ‘भुजंग’ शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘सांप’। इस आसन में शरीर को सांप की तरह उठाया जाता है, जिसमें व्यक्ति का ऊपरी शरीर सांप के फन की तरह दिखाई देता है। यह आसन रीढ़ की मजबूती, लचीलापन और मानसिक शांति को बढ़ावा देने के लिए अत्यधिक लाभकारी है। इस लेख में हम भुजंगासन के फायदों, इसे करने की विधि, सावधानियों और अन्य संबंधित जानकारियों को विस्तार से समझेंगे।
1. भुजंगासन का परिचय
भुजंगासन को “Cobra Pose” के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें व्यक्ति का ऊपरी शरीर सांप के फन की तरह उठता है। यह आसन हठ योग की श्रृंखला में आता है और यह विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी के लचीलापन और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए किया जाता है। भुजंगासन सूर्य नमस्कार की श्रृंखला का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
2. भुजंगासन करने की विधि
भुजंगासन को सही ढंग से करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- शुरुआत की मुद्रा: सबसे पहले, पेट के बल लेट जाएं। पैर सीधे और साथ में हों। हथेलियों को कंधों के पास ज़मीन पर रखें और माथा भूमि से लगा हुआ हो।
- शरीर को उठाना: धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने सिर, छाती और पेट के ऊपरी हिस्से को ज़मीन से ऊपर उठाएं। आपकी कोहनी थोड़ी मुड़ी हुई हो सकती है, लेकिन कंधे और गर्दन को आरामदायक स्थिति में रखें।
- सही स्थिति बनाए रखना: अपने कंधों को पीछे की ओर खींचें और कोहनियों को शरीर के करीब रखें। नाभि को ज़मीन पर टिकाए रखें। जितना संभव हो सके, ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं, लेकिन दर्द महसूस हो तो अधिक दबाव न डालें।
- सांस की स्थिति: इस आसन में रहते हुए गहरी सांसें लें। इस मुद्रा में 15 से 30 सेकंड तक रुकें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए शरीर को वापस ज़मीन पर लाएं।
- दोहराव: इस प्रक्रिया को तीन से पांच बार दोहरा सकते हैं।
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3. भुजंगासन के शारीरिक लाभ
भुजंगासन कई शारीरिक लाभ प्रदान करता है। यह न केवल शरीर को मजबूत करता है, बल्कि लचीलापन भी बढ़ाता है। यहां कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- रीढ़ की मजबूती: भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है। यह उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी है जो कमर दर्द या अन्य रीढ़ संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं।
- पेट की मांसपेशियों को मजबूत करना: इस आसन के दौरान पेट की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है, जिससे उन्हें मजबूती मिलती है। यह आसन पाचन क्रिया को सुधारने में भी मदद करता है।
- फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि: भुजंगासन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है क्योंकि इस आसन के दौरान गहरी सांसें ली जाती हैं। यह फेफड़ों को फैलने और स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- हृदय स्वास्थ्य: यह आसन छाती को खोलता है और रक्त संचार में सुधार करता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य को लाभ होता है।
4. मानसिक लाभ
भुजंगासन के मानसिक लाभ भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इस आसन का नियमित अभ्यास मानसिक शांति और ध्यान में सुधार करता है।
- तनाव और चिंता से मुक्ति: भुजंगासन शरीर को रिलैक्स करता है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है। इस आसन से मस्तिष्क को शांत रखने में सहायता मिलती है।
- मूड में सुधार: इस आसन के नियमित अभ्यास से मानसिक संतुलन बढ़ता है और मूड अच्छा होता है।
5. सावधानियां और ध्यान देने योग्य बातें
भुजंगासन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जिससे इस आसन का पूरा लाभ लिया जा सके और किसी प्रकार की चोट से बचा जा सके:
- पीठ की समस्याएं: अगर आपको पहले से ही कमर दर्द या रीढ़ की समस्याएं हैं, तो इस आसन को करने से पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
- गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को इस आसन को नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह पेट के हिस्से पर दबाव डालता है।
- हर्निया या पेट की सर्जरी: अगर आपको हर्निया या पेट की सर्जरी हुई है, तो इस आसन से बचना चाहिए।
6. भुजंगासन के साथ अन्य आसनों का समन्वय
भुजंगासन के साथ कुछ अन्य योग आसनों का अभ्यास करने से शरीर को अधिक लचीलापन और शक्ति मिलती है। यहां कुछ आसनों का सुझाव दिया गया है:
- अधोमुख श्वानासन (Downward Dog Pose): यह आसन भुजंगासन के विपरीत दिशा में शरीर को खींचता है, जिससे पूरे शरीर में संतुलन बनता है।
- शलभासन (Locust Pose): यह आसन भी रीढ़ और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।
- धनुरासन (Bow Pose): यह आसन शरीर को पीछे की ओर खींचकर मांसपेशियों को मजबूत करता है और लचीलापन बढ़ाता है।
निष्कर्ष
भुजंगासन एक सरल लेकिन अत्यधिक प्रभावी योगासन है, जो शरीर की रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है। यह मानसिक शांति, तनाव मुक्ति और शारीरिक मजबूती प्रदान करने में सहायक है। इसे नियमित रूप से करने से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहता है। यदि आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे, तो यह आपके जीवन को संतुलित और सकारात्मक बनाए रखने में मदद करेगा।